असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बार फिर गुवाहाटी में लगातार बढ़ती बाढ़ की समस्या को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसके पीछे का जिम्मेदार पड़ोसी राज्य मेघालय को ठहराया है। उनका कहना है कि मेघालय में तेजी से पहाड़ों की कटाई हो रही है, जिससे गुवाहाटी में बारिश का पानी रुकता नहीं और सीधे शहर में तबाही मचा देता है।
“एक दिन गुवाहाटी समंदर बन जाएगा!”
मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा,
“अगर यही हाल रहा, तो एक दिन गुवाहाटी पूरी तरह समंदर बन जाएगा।”
उनका कहना है कि सिर्फ गुवाहाटी ही नहीं, बल्कि देश के अन्य बड़े शहर भी इसी तरह की कृत्रिम बाढ़ का शिकार बनते जा रहे हैं। हर साल खाली ज़मीनों को भरकर नई इमारतें बनाई जा रही हैं, जिससे बारिश का पानी रुक नहीं पाता और बाढ़ की स्थिति बन जाती है।
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर यूएसटीएम (University of Science and Technology, Meghalaya) का ज़िक्र करते हुए कहा कि पहले केवल इसी संस्थान से पानी आता था, लेकिन अब मेघालय में दो और बड़ी इमारतें भी पहाड़ों को काटकर बनाई जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे गुवाहाटी की हालत और खराब हो रही है।
याद दिला दें कि पिछले साल भी उन्होंने यूएसटीएम पर ‘बाढ़ जिहाद’ का आरोप लगाया था और कहा था कि जानबूझकर पहाड़ काटकर निर्माण किए जा रहे हैं, जिससे असम को नुकसान हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की समिति से कार्रवाई की मांग
सरमा ने बताया कि असम सरकार ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट की एक सशक्त समिति के सामने उठाया है। उन्होंने मांग की है कि समिति तुरंत मेघालय की पहाड़ियों का निरीक्षण करे और इस गतिविधि पर रोक लगाए। साथ ही उम्मीद जताई कि दो-तीन महीने में कोई बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।
बीते कुछ दिनों की भारी बारिश ने गुवाहाटी की हालत बेहद खराब कर दी है। शहर के कई इलाकों में लोग घुटनों से लेकर सीने तक पानी में डूबे नज़र आए। स्कूल, दुकानें और घर सब प्रभावित हुए हैं।वहीं, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने पिछले साल सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि वह जलभराव की पुरानी समस्या को लेकर गंभीर नहीं है।