इन दिनों गुवाहाटी शहर विकास की नई रफ्तार पकड़ चुका है। फ्लाइओवर, स्मार्ट सड़कें, ड्रेनेज सिस्टम और फुटपाथ – हर ओर निर्माण कार्यों की गूंज है। लेकिन इसी विकास के बीच कुछ समस्याएं ऐसी भी हैं जो नगर प्रशासन की पोल खोल रही हैं। इन्हीं में से एक गंभीर समस्या है – फाटासिल के वार्ड नंबर 15 में सड़क किनारे लगने वाला असंगठित सब्ज़ी बाजार।
यह बाजार हर रोज मुख्य सड़क के फुटपाथ और सड़क किनारे लग जाता है। फल-सब्ज़ी बेचने वाले छोटे दुकानदार सुबह से शाम तक इस सड़क को अघोषित रूप से कब्ज़ा कर लेते हैं। नतीजा – इलाके में भारी ट्रैफिक जाम, पैदल चलने वालों को परेशानी और आए दिन सड़क हादसे।
फुटपाथ पर बाजार, नियमों की अनदेखी
जब सच द रीयलिटी की टीम ने मौके पर जाकर विक्रेताओं से बात की, तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। हर दिन GMC (गुवाहाटी नगर निगम) का एक आदमी आता है, प्रति दुकान 50 रुपये लेकर एक टोकन देता है और चला जाता है। यानी नगर निगम को इस गैरकानूनी कब्जे की जानकारी है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। यह न तो किसी स्थायी ठेले बाजार का हिस्सा है और न ही इन्हें किसी वैध जगह पर शिफ्ट किया गया है।
सवाल ये उठता है…
• क्या मुख्य सड़क पर इस तरह से बाजार लगाने की अनुमति दी जा सकती है?
• क्या नगर निगम का 50 रुपये में टोकन देना इस अतिक्रमण को वैध बना देता है?
• अगर ट्रैफिक जाम और हादसे होते हैं तो जिम्मेदार कौन?
स्थानीय लोगों की परेशानी
इलाके के निवासी बताते हैं कि हर सुबह और शाम सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है। स्कूल जाने वाले बच्चे, ऑफिस जाने वाले लोग और आपातकालीन वाहन – सभी को इस बाजार के कारण घंटों जाम में फंसना पड़ता है। कई बार ट्रैफिक पुलिस भी पहुंचती है, लेकिन कुछ देर बाद फिर स्थिति वैसी की वैसी।
सिर्फ फाटासिल नहीं, पूरे गुवाहाटी की समस्या
ऐसी ही तस्वीरें गुवाहाटी के अन्य इलाकों – मालीगांव, फैन्सी बाज़ार, हाटीगांव, और चांदमारी में भी दिखती हैं। बाजारों की बढ़ती भीड़ और बिना योजना के लगाए जा रहे फुटपाथ बाजार शहरी व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।
समाधान क्या?
नगर निगम को चाहिए कि:
• इन दुकानदारों के लिए एक वैकल्पिक बाजार स्थल तैयार किया जाए।
• सड़क किनारे और फुटपाथ पर कारोबार को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए।
• यातायात और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
गुवाहाटी एक स्मार्ट सिटी बनने की राह पर है। लेकिन स्मार्टनेस केवल इमारतों और फ्लाइओवर से नहीं आती, बल्कि व्यवस्था और नागरिक सुविधाओं से आती है। उम्मीद है कि फाटासिल की इस समस्या को प्रशासन गंभीरता से लेगा और जल्द ही हल निकालेगा।