Sach – The Reality

Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

भारत विविधताओं और त्यौहारों की भूमि है। इन्हीं में से एक सबसे लोकप्रिय और हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला पर्व है गणेश चतुर्थी। यह पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था।

गणेश चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश को “विघ्नहर्ता” और “सिद्धि विनायक” कहा जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति के पूजन से ही होती है। मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से जीवन से सभी बाधाएँ दूर होती हैं और सफलता के द्वार खुलते हैं।

उत्सव की झलक

गणेश चतुर्थी पर भक्त अपने घरों और सार्वजनिक पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित करते हैं। दस दिनों तक पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। वातावरण में ढोल-नगाड़ों और “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे गूंजते रहते हैं।

परंपराएँ और प्रसाद

इस पर्व पर गणेश जी को मोदक का भोग लगाया जाता है, जिसे उनका प्रिय व्यंजन माना जाता है। लोग उनकी पूजा में दूर्वा, लाल फूल और सिंदूर अर्पित करते हैं। परिवार और समाज मिलकर एकजुटता और भक्ति का संदेश देते हैं।

विसर्जन

दसवें दिन गणेश प्रतिमाओं का जल में विसर्जन किया जाता है। यह क्षण भावुक करने वाला होता है, जब भक्त अगले वर्ष पुनः आगमन की कामना करते हुए बप्पा से विदा लेते हैं।

Wordpress Social Share Plugin powered by Ultimatelysocial