Sach – The Reality

Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार में कैबिनेट मंत्री और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने मंत्री पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस अचानक फैसले से दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस्तीफे के साथ गहलोत ने AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने पार्टी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।

गहलोत ने पत्र में लिखा कि पार्टी की कुछ विवादित घटनाओं, जैसे ‘शीशमहल’ को लेकर सवाल उठाए और इस पर गहरी निराशा जताई। गहलोत ने कहा कि ये मुद्दे पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचा रहे हैं और यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि क्या आम आदमी पार्टी अब भी अपने सिद्धांतों पर चल रही है। उनके अनुसार, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच लगातार टकराव राज्य के विकास में रुकावट डाल रहे हैं, जिसके कारण दिल्ली की प्रगति थम गई है। गहलोत ने यह भी कहा कि पार्टी अब ईमानदार राजनीति से भटक चुकी है, और उन्होंने इसी कारण पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।

कैलाश गहलोत ने केजरीवाल के सरकारी आवास को ‘शीशमहल’ बताते हुए इस पर अनैतिकता के आरोप लगाए। इसके साथ ही उन्होंने यमुना नदी के बढ़ते प्रदूषण को लेकर भी पार्टी की नाकामी पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि दिल्ली सरकार केंद्र से अपनी लड़ाई में व्यस्त होकर अपना समय और ऊर्जा बर्बाद कर रही है, जबकि जनता के मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

कैलाश गहलोत का इस्तीफा उस समय आया है जब दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने हैं। उनके इस फैसले से दिल्ली की राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गहलोत भाजपा में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने यह कहा कि गहलोत के पास भारतीय जनता पार्टी में जाने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था।

AAP सूत्रों ने यह भी आरोप लगाया कि गहलोत के खिलाफ ED और आयकर विभाग के कई मामले चल रहे थे, और उन पर ED और इनकम टैक्स की कई रेड हो चुकी थीं। पार्टी का कहना है कि यह भाजपा का गंदा षड्यंत्र है और दिल्ली चुनाव को ED और CBI के जरिए जीतने की योजना का हिस्सा है। AAP के अनुसार, भाजपा ने गहलोत पर दबाव डालकर उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया है।

कैलाश गहलोत के इस्तीफे ने आम आदमी पार्टी को घेर लिया है और इसने केजरीवाल सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि गहलोत का भविष्य क्या होता है और दिल्ली के आगामी चुनावों में उनका प्रभाव किस दिशा में जाएगा।

Wordpress Social Share Plugin powered by Ultimatelysocial