जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच ने पाकिस्तान के झूठ की पोल खोल दी है। अब जो खुलासा हुआ है, वो इस खूनी हमले को सिर्फ आतंकी वारदात नहीं, बल्कि एक सैन्य-साजिश साबित करता है। जांच में सामने आया है कि पहलगाम नरसंहार का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा, पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स SSG का पूर्व पैरा कमांडो रह चुका है। अब वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा है और उसे जम्मू-कश्मीर भेजने से पहले खास आतंकी ट्रेनिंग दी गई थी।
SSG को पाकिस्तान की सबसे खतरनाक कमांडो यूनिट माना जाता है। यह यूनिट गुप्त ऑपरेशनों, आतंकवाद-रोधी अभियानों और असामान्य युद्ध में माहिर होती है। SSG कमांडोज को बेहद कठिन मानसिक और शारीरिक ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें अमेरिकी नेवी सील्स जैसी फोर्सेस से ट्रेनिंग लेना भी शामिल होता है। यही ट्रेनिंग हाशिम मूसा को भी दी गई थी।
तीन आतंकियों के स्केच जारी हुए थे, जिनमें से एक की पहचान हाशिम मूसा के रूप में हुई थी। उसे ISI के निर्देश पर भारत भेजा गया था, मकसद साफ था — पर्यटकों, गैर-कश्मीरियों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाना। भारत की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक मूसा को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया था ताकि वह कश्मीर में डर और खूनखराबा फैला सके।
ये खुलासा पाकिस्तान के उस झूठ पर करारा तमाचा है, जिसमें वह बार-बार कहता रहा कि इस हमले में उसका कोई हाथ नहीं। लेकिन जब मास्टरमाइंड ही पाकिस्तानी सेना से जुड़ा हो, तो सच्चाई खुद-ब-खुद सामने आ जाती है।
हमले के बाद से पाकिस्तान पूरी तरह बौखलाया हुआ है। जवाबी कार्रवाई के डर से वह नियंत्रण रेखा पर लगातार उकसावे वाली फायरिंग कर रहा है। 28 और 29 अप्रैल की रात को पाकिस्तान ने कुपवाड़ा, बारामुला और अखनूर सेक्टर में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की, लेकिन भारतीय सेना ने हर बार मुंहतोड़ जवाब दिया है।
पहलगाम हमले के बाद घाटी में तनाव चरम पर है। सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया है और एहतियातन करीब 50 पर्यटक स्थलों को फिलहाल बंद कर दिया गया है। देश गम और गुस्से में है, क्योंकि इस हमले में 26 बेगुनाह जानें गईं — और अब ये भी साफ हो गया है कि ये हमला सिर्फ आतंकियों की साजिश नहीं, पाकिस्तान की सरकारी साजिश थी।