ओडिशा के पूर्व मंत्री सुरेंद्रनाथ नाइक का शुक्रवार तड़के उनके आवास पर निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। काकटपुर से 7 बार विधायक रहे नाइक काफी समय से बुढ़ापे से संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे। विधायक होने के अलावा, वह 1960 से 1967 तक अस्तरंग पंचायत समिति के अध्यक्ष थे।
सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ही थे, जिन्होंने नाइक को राजनीति में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। नाइक का राजनीतिक सफर काफी पहले शुरू हो गया था क्योंकि वह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे। इसने उन्हें ओडिशा में एक अनुभवी राजनेता और नेता के रूप में अपना भविष्य बनाने में मदद की।
नाइक को 1968 में बस किराया वृद्धि का विरोध करने पर और फिर 1975 में आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, उन्होंने कृषि, राजस्व और शिक्षा सहित विभिन्न मंत्री विभागों को संभाला
वह 1971 से 2009 के बीच उत्कल कांग्रेस, जनता दल और बीजद के टिकट पर काकटपुर निर्वाचन क्षेत्र से सात बार विधानसभा के लिए चुने गए।
नाइक ने बीजू पटनायक और नवीन पटनायक के नेतृत्व में आबकारी, राजस्व, कृषि, स्कूल एवं जन शिक्षा और पंचायती राज सहित कई विभागों में मंत्री के तौर पर सेवाएं दीं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री के वी सिंह देव और पार्वती परिदा, विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी और कई अन्य लोगों ने राज्य विधानसभा में नाइक को पुष्पांजलि अर्पित की।
माझी ने अपने शोक संदेश में कहा कि ओडिशा ने ‘‘एक बड़ा नेता खो दिया और उनके निधन से एक खालीपन पैदा हुआ है जो कभी नहीं भरेगा।’’ उन्होंने नाइक के शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
सिंह देव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘काकटपुर से सात बार विधायक रहे और एक सच्चे नेता सुरेन्द्रनाथ नाइक के निधन पर हार्दिक संवेदना। हमारे समुदाय के लिए उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।’’
पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने नाइक के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि काकटपुर के लोगों की सेवा के प्रति उनका समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा।
नाइक के पार्थिव शरीर को बीजद मुख्यालय शंख भवन ले जाया गया जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।