इजराइल और हमास के बीच दो साल से जारी युद्ध में आज शांति की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में दोनों पक्षों ने उनकी शांति योजना के पहले चरण पर सहमति दे दी है। इस समझौते के तहत गाजा में तुरंत संघर्षविराम लागू होगा और बंधकों व कैदियों की रिहाई की तैयारी शुरू होगी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस समझौते को “महीनों में सबसे बड़ी सफलता” बताते हुए कहा कि यह शांति की दिशा में एक ठोस कदम है। इस समझौते में अमेरिका के साथ-साथ मिस्र और कतर की भी अहम भूमिका रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस समझौते का स्वागत किया।
समझौते के मुख्य बिंदु:
• गाजा में तुरंत संघर्षविराम
• सभी बंधकों की रिहाई
• हमास का निरस्त्रीकरण
• इजरायली सेना की चरणबद्ध वापसी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस समझौते के लागू होने के 72 घंटे के भीतर लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले सभी जीवित इजराइली बंधकों को रिहा किया जाएगा। इसके बदले इजराइल धीरे-धीरे अपनी सेनाओं को गाजा से वापस लेगा। युद्ध खत्म होने पर इजराइल गाजा के 250 उम्रकैदियों और अन्य 1,700 कैदियों को भी छोड़ देगा। हर मृत इजराइली कैदी के बदले 15 मृत फिलिस्तीनी कैदियों के शव लौटाए जाएंगे।
गाजा से हमास के सभी ठिकाने और हथियार हटाए जाएंगे। हमास और उसके अन्य लड़ाके अब गाजा की सरकार में हिस्सा नहीं लेंगे। इसके अलावा गाजा के विकास और सुधार के लिए एक अस्थायी तकनीकी समिति बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप करेंगे। यह समिति गाजा में नई योजनाएं बनाएगी और उसका खर्च उठाएगी।
गाजा को तुरंत जरूरी मदद दी जाएगी और वहां विशेष व्यापारिक क्षेत्र बनाए जाएंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। किसी को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा; जो चाहे जा सकता है और लौट सकता है। सुरक्षा के लिए गाजा में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल तैनात होंगे, जो स्थानीय पुलिस को ट्रेनिंग देंगे और मदद करेंगे। इसके साथ ही इजराइल और मिस्र की सीमाओं पर सुरक्षा मजबूत की जाएगी।
युद्ध खत्म होने तक हवाई हमले और गोलाबारी रोकी जाएगी। अंतरराष्ट्रीय संगठन गाजा में मदद और सुरक्षा की निगरानी करेंगे। इसके बाद इजराइल और फिलिस्तीन के बीच शांति वार्ता भी शुरू होगी।
इस समझौते के बाद गाजा में लंबे समय से जारी हिंसा और संघर्ष को कम करने की उम्मीद जगी है। यह समझौता न सिर्फ क्षेत्रीय शांति के लिए बल्कि वहां के आम लोगों की जिंदगी सुरक्षित बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।