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इंडिगो की उड़ानों ने देशभर के एयरपोर्ट्स पर हंगामा मचा दिया है। सुबह से ही 750 से ज़्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी है। चार दिन में 1300 से ज़्यादा उड़ानें रद्द हुई है , जिससे हज़ारों यात्री प्रभावित हुए है। दिल्ली एयरपोर्ट पर तो इंडिगो ने आज की सारी फ्लाइट्स कैन्सल कर दी है। इस बीच राहुल गांधी ने सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा—“यह मोनोपॉली मॉडल की नाकामी है… और इसकी कीमत आम लोग चुका रहे हैं।” इस बीच एक अच्छी खबर यह है की DGCA ने हाल ही में जारी किए गए ‘साप्ताहिक अवकाश’ के आदेश को तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया है। इसका कारण है कई फ्लाइट्स में लगातार देरी और कैंसिलेशन, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही थी। अब DGCA का यह फैसला यात्रियों के लिए राहत की खबर बन गया है।

बड़ी खबर है पूरे देश में एयर ट्रैवल करने वाले लोग सबसे ज़्यादा परेशान है । इंडिगो की उड़ानों ने आज सुबह से ही हालात बिगाड़ दिए, क्योंकि 750 से ज़्यादा फ्लाइट्स एक साथ कैंसिल हो गईं। सबसे बुरा हाल दिल्ली एयरपोर्ट का रहा, जहाँ आज एक भी इंडिगो फ्लाइट नहीं उड़ सकेगी । जी हाँ दिल्ली एयरपोर्ट पर इंडिगो ने आज की सारी flights कैन्सल कर दी है। चार दिनों में यह संकट इतना बड़ा हो चुका है कि 1300 से ज़्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, और हर एयरपोर्ट पर लंबी लाइनें, गुस्सा, भीड़ और लगातार इंतज़ार ही देखने को मिला।

इंडिगो की तरफ़ से माना गया है कि यह पूरा मामला उनके गलत फैसलों और खराब प्लानिंग की वजह से और भी बिगड़ गया। दरअसल एक नवंबर से FDTL यानी Flight Duty Time Limitations के नए नियम लागू हुए हैं, जिसमें पायलटों के लिए रात की ड्यूटी कम कर दी गई है और आराम का समय बढ़ा दिया गया है। कंपनी ने साफ कहा कि वे दूसरे फेज़ में कितने पायलट और क्रू की जरूरत होगी, इसका सही अंदाज़ा नहीं लगा पाए। इसी वजह से अचानक पायलट कम पड़ गए और उड़ानें लगातार रद्द होती चली गईं।
इसी बीच सर्दियों का मौसम, टेक्निकल दिक्कतें और स्टाफ की कमी ने मिलकर हालात और खराब कर दिए। पिछले कुछ महीनों से इंडिगो क्रू की भारी कमी से जूझ रहा है और अब यह कमी खुलकर सामने आ गई है। एयरलाइन ने यात्रियों से कई बार माफी भी मांगी है, लेकिन फिर भी देशभर में हालात अभी कंट्रोल में नहीं हैं।

इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज़ हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इंडिगो की यह नाकामी दरअसल “मोनोपॉली मॉडल” की वजह से है, और इसका खामियाज़ा आम लोगों को देरी, कैंसिलेशन और लाचारी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। उनका कहना है कि देश को हर सेक्टर में सही कम्पिटिशन चाहिए, न कि मैच-फिक्सिंग वाली मोनोपॉली।

इस बीच एयरलाइन यात्रियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। DGCA ने हाल ही में क्रू के लिए जारी किए गए साप्ताहिक अवकाश के आदेश को तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया है। DGCA के अनुसार, कई फ्लाइट्स में लगातार बाधा और एयरलाइंस से प्राप्त अनुरोध को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया।
पहले आदेश के अनुसार, फ्लाइट क्रू के लिए सप्ताह में ज्यादा आराम का समय तय किया गया था। रोस्टर में पायलट और क्रू की नाइट शिफ्ट पहले छह दिन थी, जिसे घटाकर दो दिन कर दिया गया। इस बदलाव के कारण कई क्रू मेंबर्स समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंच पाए, और कई फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं।
यात्रियों पर बढ़ती मुश्किलों को देखते हुए DGCA ने अपना आदेश वापस लिया है। अब उम्मीद है कि फ्लाइट ऑपरेशन सुचारू रूप से चलेंगे और यात्रियों को कम परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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