तिरुमला के भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार रात हुई भगदड़ से छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए। वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए उमड़ी भारी भीड़ ने इस हादसे को जन्म दिया। प्रशासनिक चूक के आरोपों के बीच यह घटना श्रद्धालुओं के लिए गहरे सदमे की वजह बनी है।
तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार रात हुए हादसे ने श्रद्धालुओं के बीच शोक की लहर पैदा कर दी। वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए उमड़ी भारी भीड़ के कारण भगदड़ मचने से छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह त्रासदी उस समय हुई, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु टोकन पाने के लिए एकत्र हुए थे। वैकुंठ द्वार दर्शनम, जो 10 जनवरी से शुरू होने वाले 10 दिवसीय आयोजन का हिस्सा है, में देश भर से सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होने आए थे।
गुरुवार सुबह पांच बजे से एसएसडी टोकन जारी करने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन श्रद्धालु बुधवार शाम से ही काउंटरों पर इकट्ठा होने लगे थे। जानकारी के अनुसार, लगभग 4 हजार लोग दर्शन टोकन पाने के लिए कतार में खड़े थे, लेकिन मात्र 91 काउंटरों की व्यवस्था की गई थी। इससे स्थिति बिगड़ गई और भीड़ बेकाबू हो गई, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ मच गई। इस हादसे में महिलाएं और बुजुर्ग समेत कई लोग घायल हो गए।
घटना पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस त्रासदी से बेहद परेशान हैं और उच्चाधिकारियों के संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया और श्रद्धालुओं की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस हादसे पर अपनी संवेदना प्रकट की।
टीटीडी ने इस हादसे के लिए माफी मांगते हुए इसे प्रशासनिक चूक माना है। टीटीडी चेयरमैन बीआर नायडू ने स्वीकार किया कि दर्शन टोकन वितरण की व्यवस्था में खामियां थीं, जिससे यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मंदिर प्रशासन ने हादसे की जांच का आश्वासन दिया है और भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कदम उठाने की बात कही है। इस हादसे ने मंदिर प्रशासन और आयोजन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।