असम सरकार ने राज्य में बढ़ते कट्टरपंथ और जिहादी प्रचार को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने एक नया नोटिफिकेशन जारी कर प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ी हर तरह की छपी और डिजिटल सामग्री पर तुरंत रोक लगा दी है। यह कदम खुफिया रिपोर्टों और STF की जांच के बाद उठाया गया है, जिसमें यह पाया गया कि कट्टरपंथी और जिहादी सामग्री अभी भी कई जगह फैल रही थी।

सरकार ने साफ कर दिया है कि जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश, अन्सारुल्लाह बंगला टीम, अन्सार-अल-इस्लाम और अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ी कोई भी किताब, पर्चा, चित्र, गीत, भाषण, वीडियो या ऑनलाइन संदेश अब चलने नहीं दिए जाएंगे। इस तरह की सभी सामग्री पर तुरंत प्रतिबंध लागू किया गया है।
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह सामग्री हिंसा को बढ़ावा देती है, लोगों को कट्टरपंथ की ओर ले जाती है और भारत की एकता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती है। इसलिए इसे BNSS 2023 के सेक्शन 98 के तहत अवैध घोषित किया गया है। जो कोई भी इसे अपने पास रखेगा, बेचेगा या ऑनलाइन साझा करेगा, उस पर BNSS के सेक्शन 196, 197 और IT Act के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
असम पुलिस, Special Branch, CID और Cyber Crime Units को निर्देश दिया गया है कि वे राज्य में निगरानी तेज़ करें। अगर किसी वेबसाइट, सोशल मीडिया पेज, PDF या डिजिटल चैनल पर यह सामग्री मिलती है, तो उसे तुरंत बंद किया जाएगा और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
यह कदम राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए उठाया गया है, ताकि युवा कट्टरपंथ या हिंसा की तरफ आकर्षित न हों। सरकार ने सभी से अपील की है कि वे इस नियम का पालन करें और जिम्मेदारी के साथ सामग्री का उपयोग करें।