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Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

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21-22 मार्च 2025 अयोध्या, जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, अब साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। आगामी 21 और 22 मार्च को अयोध्या में ‘कालजयी अयोध्या साहित्य व कला उत्सव’ का आयोजन किया जाएगा, जो न केवल अयोध्या की ऐतिहासिक धरोहर को पुनः जागृत करेगा बल्कि देशभर के कला प्रेमियों और साहित्यकारों को एक मंच पर लाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।

‘कालजयी अयोध्या साहित्य व कला उत्सव’ का मुख्य उद्देश्य अयोध्या को एक साहित्यिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में प्रस्तुत करना है। इस महोत्सव में अयोध्या की समृद्ध सांस्कृतिक धारा को उकेरने के साथ-साथ, भारत के विभिन्न हिस्सों से साहित्यकारों, कलाकारों और संस्कृति प्रेमियों को एक मंच पर लाकर चर्चा और संवाद के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इस आयोजन का एक प्रमुख उद्देश्य अयोध्या को एक सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रमोट करना है, जो देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने।

महोत्सव में भारतीय साहित्य, कला, और संस्कृति के विविध पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख साहित्यकारों और कलाकारों में नाटककार, कवि, लेखक और चित्रकार होंगे। इसके अतिरिक्त, एक विशेष कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अयोध्या की ऐतिहासिक धरोहर, लोक कला और सांस्कृतिक विविधता को प्रस्तुत किया जाएगा। साहित्यिक सत्रों के दौरान साहित्यकारों और लेखकों के विचार-विमर्श होंगे, जहां वे अयोध्या के धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ में साहित्य की भूमिका पर चर्चा करेंगे। वहीं, संगीत और नृत्य के कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे, जो अयोध्या की लोक संस्कृति को जीवित रखेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “अयोध्या न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर भी अमूल्य है। इस उत्सव का आयोजन अयोध्या को एक वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह महोत्सव न केवल अयोध्या के विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि इसके साथ ही देश और विदेश के लोगों को हमारी समृद्ध संस्कृति से परिचित कराएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कार्यक्रम अयोध्या की सशक्त छवि को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के साथ-साथ, उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धारा को प्रोत्साहित करेंगे।

अयोध्या में इस तरह के सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगा। मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि इससे स्थानीय व्यापार, होटल और परिवहन उद्योग को भी लाभ होगा। महोत्सव के माध्यम से अयोध्या में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

महोत्सव के समापन पर अयोध्या की सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर को लेकर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अयोध्या के भविष्य के सांस्कृतिक आयोजनों और योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। इस प्रकार, ‘कालजयी अयोध्या साहित्य व कला उत्सव’ न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन होगा, बल्कि यह अयोध्या के विकास और पुनर्निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह उत्सव न सिर्फ अयोध्या बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और भारत के सांस्कृतिक और साहित्यिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल करेगा।

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