पाकिस्तान अब हाफिज सईद की सुरक्षा को लेकर बुरी तरह डर में है, क्योंकि उसे डर है कि भारत उसकी ओर से किसी भी वक्त सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इसी डर के चलते पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की सुरक्षा को चार गुना बढ़ा दिया है। ड्रोन से उसकी हर हरकत पर निगरानी रखी जा रही है, और उसे घेरने के लिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने तगड़ा सुरक्षा घेरा बना दिया है। उसकी सुरक्षा में एसएसजी के कमांडो तैनात हैं, और उसे एक घनी आबादी वाले इलाके में शिफ्ट कर दिया गया है। यहां तक कि पाकिस्तान ने उसे अस्थाई उप-जेल में तब्दील कर दिया है, ताकि भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई से उसे बचाया जा सके।
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद की पाकिस्तान में सुरक्षा अचानक चार गुना तक बढ़ा दी गई है। लाहौर में मौजूद हाफिज सईद के ठिकाने के चारों तरफ पाकिस्तानी सेना के जवान तैनात हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है और चार किलोमीटर के दायरे तक की सड़कें सीसीटीवी कैमरों से पूरी तरह लैस कर दी गई हैं। पहलगाम में हाल ही में हुए नरसंहार के बाद पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा मिलकर उसे एक्स्ट्रा सिक्योरिटी कवर दे रहे हैं। उसके करीबी लोगों को भी सेना ने सुरक्षा दी है और सख्त आदेश है कि वे किसी भी सूरत में बाहर मूवमेंट ना करें। हाफिज सईद वही आतंकी है जिसे 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने भी उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया है।
अब पाकिस्तान को डर है कि भारत सैन्य कार्रवाई के जरिए सईद के ठिकानों को निशाना बना सकता है। इसी डर से उसे एक आलीशान कोठी से निकालकर भीड़भाड़ वाले इलाके में शिफ्ट कर दिया गया है, जहां मस्जिद, मदरसा और आम नागरिकों के घर हैं। यहां उसकी सुरक्षा में SSG यानी स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो तैनात किए गए हैं और पूरे इलाके को एक अस्थाई उप-जेल घोषित किया गया है। बताया जा रहा है कि एक किलोमीटर के दायरे में इशारा पहचानने वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और एक कंट्रोल रूम के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। हाफिज सईद अब 77 साल का हो चुका है। कागजों पर भले ही वह 2019 से जेल में है, लेकिन हकीकत में वह पाकिस्तान सरकार और सेना की शह पर खुलकर काम कर रहा है। यही नहीं, पहलगाम में 26 हिंदुओं के नरसंहार को भी उसी के एक सहयोगी संगठन ने अंजाम दिया। पाकिस्तान की अदालतों ने भी हाफिज को आतंकी फंडिंग जैसे मामलों में दोषी ठहराया और 46 साल की सजा सुनाई है, लेकिन ज़मीन पर उसे छूना भी किसी के बस की बात नहीं लग रही।