लखीमपुर ज़िले के डुलुंग रिज़र्व फॉरेस्ट में स्थित डोलुंगमुख फायरिंग रेंज में भारतीय सशस्त्र बलों ने सोमवार, 20 मई से बड़े पैमाने पर लाइव फायर अभ्यास शुरू कर दिया है। यह अभ्यास 31 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस दौरान बम धमाके, रॉकेट लॉन्च और एयरक्राफ्ट द्वारा हवाई फायरिंग की जाएगी। सेना की इस तैयारी को देखते हुए डोलुंगमुख और आसपास का इलाका बेहद संवेदनशील घोषित किया गया है, और आम लोगों की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है।
लखीमपुर जिला प्रशासन और वन विभाग ने मिलकर आदेश जारी किया है कि इस सैन्य अभ्यास के दौरान कोई भी नागरिक व्यक्ति, वाहन या पशु इस क्षेत्र में प्रवेश न करे। यह कदम आम नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और इस इलाके से दूर रहने की अपील की है ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
डोलुंगमुख रेंज में अब तक केवल भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान, विशेष रूप से तेज़पुर एयरबेस से उड़ान भरने वाले जेट्स, रूटीन ड्रिल करते आए हैं। लेकिन इस बार पहली बार यहां रॉकेट और हवाई लाइव फायरिंग जैसे वास्तविक सैन्य अभ्यास किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है। चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी के बीच भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को और तेज़ कर दिया है। गृह मंत्रालय भी इस पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है।
डोलुंगमुख का यह क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में इस फायरिंग रेंज पर हो रहे अभ्यास को देश की सुरक्षा नीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
स्थानीय लोगों को फिलहाल किसी भी अफवाह से दूर रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। सुरक्षा बलों के लिए यह अभ्यास न केवल प्रशिक्षण बल्कि उत्तर-पूर्वी सीमा पर सैन्य तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।